Friday, January 28, 2011

प्रचार का माध्यम

फ्लैक्स प्रिंटिंग से बने होर्डिंग, पोस्टर और बैनर प्रचार-प्रसार का मुख्य माध्यम बन गया है। किसी भी शहर में प्रवेश करते ही आपको होर्डिंग पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा मिलेगा शहर में आपका स्वागत है से मन खुशी से झूम उठता है। आपको अपरिचित शहर भी अपना सा लगने लगता है या फिर किसी भी ब्रांडेड कंपनी के होर्डिंग को देखते ही आपको याद आ जाता है कि ऐसा ही तो मेरे शहर में भी कुछ ऐसा ही छपा हुआ था। फ्लैक्स प्रिंटिंग से बने ये होर्डिंग और बैनर शहर की शोभा तो बढ़ा ही रहा है साथ ही कई लोगों को रोजगार भी दे रहा है। किसी प्रकार का कार्यक्रम हो हर चौक-चौराहे से लेकर निजी मकानों के छत पर होर्डिंग, बैनर विज्ञापन के तौर पर दिख जाएंगे। इस बारे में एडवरटिजमेंट करने वालों का मानना है कि कम्प्यूटराईज प्रिंटिंग मनमोहक और आकर्षक होते हैं जो प्रत्यक्ष रुप से लोगों को प्रभावित करते हैं। आप मनमुताबिक इसपर छपवा सकते हैं। इसकी उपयोगिता उससमय देखते बनती है जब किसी राजनीतिक पार्टी के द्वारा रैली या सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। सारा शहर होर्डिंग, बैनर और पोस्टरों से पटा मिलता है। और इसको लेकर अखबारों में खबरें छपते हैं। सरकारी की किसी योजना की जानकारी देनी हो, बधाई देना, जयंती की मनाना, शोक व्यक्त करना हो तो फ्लैक्स प्रिंटिंग सरल और सस्ता माध्यम है। अमीर हो या फिर गरीब हर कोई अपने साम्र्थय के अनुसार अपने आपको प्रमोट करता है। आमजनों में इसके प्रचलित होने का मुख्य कारण है इसका टिकाऊपन और सस्ता छपाई दर। प्लास्टिक के रेशे से बने होने के कारण जाड़ा, गर्मी या बरसात से भी इसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। बरसात में इसे पानी से बचने और गर्मी में धूप से बचने के लिए किया जाता है। चाहे तो आप इसे कैरी बैग बना ले या फिर बच्चे के बिछावन के नीचे रखे हर रुप में प्रयोग किया जा सकता है। एक जमाना था जब प्रचार-प्रसार के लिए कागज और कपड़े के बने पोस्टर और बैनर का उपयोग किया जाता था। लेकिन इसके टिकाऊपन न होने के कारण इसका मार्केट गिर गया । यही कारण है कि फ्लैक्स प्रिंटिंग निर्मित बैनरों की मांग निरंतर बढ़ती जा रही है। हमारे राज्य में फ्लैक्स प्रिंटिंग का कारोबार 1995 शुरू में हुआ। इसे शुरू करने वाली कंपनी का नाम जगदम्बा टे्रडर्स ने पहला फ्लैकस छापने की मशीन राजधानी के एक्जिविशन रोड में लगायी।

No comments:

Post a Comment