Friday, December 17, 2010

उद्योग के लिए सरकार के खुले द्वार

राज्य सरकार इस बार बिहार में औद्योगिक विकास पर मुख्य रुप से ध्यान देने का मन बना लिया है। इसका मुख्य कारण पहले के मुकाबले लॉ इन आॅर्डर का बेहतर होना माना जा रहा है। उद्योगपतियों और कारोबारियों के अंदर से अब भय का आतंक समाप्त हो गया है जो लालू-राबड़ी “ाासन काल में था। मुख्यमंत्री नीतीश ने सभी को बेफ्रिक होकर उद्योग-धंधे लगाने की बात कही है। इसी उत्साह को देखते हुए उपमुख्यमंत्री सुषील कुमार मोदी ने छोटे कारोबारियों सहित कई उद्योग के क्षेत्र में सरकारी सहायता के खजाने खोल दिये हैं।
उपमुख्यमंत्री सुषील कुमार मोदी ने गुरुवार को बुनकरों के ऋण माफी की घोशणा कर दी, साथ ही उद्योगों के लिए नई औद्योगिक नीति लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा जल्द ही लौरिया और सुगौली मिले इसी माह चालू कर दी जाएगी। गौरतलब है कि कभी बिहार में सबसे अधिक चीनी मिल हुआ करती थी, लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण अब केवल 3 चीनी मिल ही चल रहे हैं। बिहार के लोग बाहर जाकर मार न खाये इसके लिए रैयाम, सकरी, बिहटा, मोतीपुर में भी जल्द ही उत्पादन “ाुरु किया जाएगा तथा अप्रैल तक पूर्णिया के मरंगा में जूट पार्क की स्थापना किया जाएगा साथ ही उद्यमियों को सरकारी कार्यालय का चक्कर न लगाना पड़े, इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। इससे भ्रश्टाचार पर भी बहुत तक लगाम लगाया जा सकेगा। राज्य सरकार के इस पहल को देखते हुए केन्द्र सरकार ने भी बिना गारंटी के लोन देने की घोशणा कर दी है। राज्य सरकार ने भी अब सौ चावल मिल स्वीकृति के साथ किसानों द्वारा खरीदे खद्यान्नों के लिए गोदाम खोलने की घोशणा कर दी है। उद्यमियों को राज्य सरकार के योजनाओं का लाभ सही ढं़ग से मिल सके इसके लिए जल्द ही सम्मेलन करने की बात कही गई है।

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